बोरिया गेट में भारी जाम से लोडिंग में आ रही परेशानी: भिलाई ट्रक टेलर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने की BSP ED (Works) से मुलाकात...

भिलाई भिलाई ट्रक टेलर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह और उनके सदस्यों द्वारा भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को हाल ही में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और गंभीर समस्या से अवगत कराया गया था। यह समस्या बोरिया गेट में प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले जाम और लिफ्टिंग में आ रही बाधाओं को लेकर थी। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने यह मुद्दा बीएसपी के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष एक माह पूर्व उठाया था, जिसमें गेट संख्या 7 को स्लैग लोडिंग के लिए सक्रिय करने का प्रस्ताव भी शामिल था।
एसोसिएशन ने सुझाव दिया था कि स्लैग लोडिंग की गाड़ियों को बोरिया गेट के बजाय गेट संख्या 7 से प्रवेश कराया जाए, ताकि बोरिया गेट पर ट्रैफिक की भीड़ और अव्यवस्था से निजात मिल सके। बीएसपी प्रबंधन ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए गेट संख्या 7 को तकनीकी रूप से तैयार कर लिया था और 22 फरवरी 2025 को मंगलम स्टील की 5 गाड़ियों के माध्यम से इसका परीक्षण भी सफलतापूर्वक किया गया था।हालांकि, अब तक अर्थात 2 अप्रैल 2025 तक—गेट संख्या 7 को नियमित रूप से चालू नहीं किया गया है, जिससे ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और उससे जुड़े परिवहनकर्ताओं में गहरा असंतोष व्याप्त है। एसोसिएशन का कहना है कि यदि बीएसपी प्रबंधन ने समय रहते इस गेट को चालू कर दिया होता, तो बोरिया गेट पर व्याप्त अव्यवस्था को काफी हद तक कम किया जा सकता था।बोरिया गेट की स्थिति वर्तमान में अत्यंत चिंताजनक हो चुकी है। पिछले तिमाही (QTR) में 56,000 मीट्रिक टन (MT) स्लैग का लिफ्टिंग कार्य प्रभावित हुआ, जिससे न केवल स्टील कंपनियों को नुकसान हुआ, बल्कि परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ी। चालू तिमाही में 1,10,000 मीट्रिक टन स्लैग की लिफ्टिंग का लक्ष्य रखा गया है। यदि गेट संख्या 7 को जल्द से जल्द चालू नहीं किया गया, तो इस लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव होगा।एसोसिएशन के अनुसार, यदि स्थिति में शीघ्र सुधार नहीं किया गया, तो वे आगे परिवहन कार्य को जारी नहीं रख पाएंगे। इससे बीएसपी की उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला पर सीधा नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जो न केवल संयंत्र के संचालन को बाधित करेगा, बल्कि इस्पात उद्योग की व्यापक गतिविधियों को भी प्रभावित करेगा।ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने बताया कि ED (Works) से मिलकर इस समस्या के संबंध में जानकारी दी थी। उस समय उन्हें यह आश्वासन मिला था कि गेट संख्या 7 को जल्द से जल्द चालू कर दिया जाएगा, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इस कारण अब न केवल ट्रांसपोर्टरों में निराशा है, बल्कि संयंत्र से जुड़े अन्य व्यावसायिक हितधारकों में भी चिंता की लहर है। उन्होंने कहा कि आज एसोसिएशन के पदाधिकारी के द्वारा ईडी वर्क्स से मिलकर ठोस पहल की गई, उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द गेट नंबर 7 चालू कर दिया जाएगा।