
मैं और मेरा भाई भाजपा के कार्यकर्ता, है, हमारी छबि धुमिल करने किया जा
रहा है ऐसा कार्य
पुलिस के वरिष्ठ अफसर मेरे द्वारा दिये गये आवेदन के आधार पर करे निष्पक्ष जांच
मेरे पक्षकार की छबि को धुमिल करने वालों को दिया जा रहा है दो करोड़ के
मानहानि का नोटिस-अधिवक्ता शर्मा
भिलाई। हाउसिंग बोर्ड श्रीराम हाईटस कैलाश नगर निवासी व्यवसायी व भाजपा
नेता धर्मेन्द्र जायसवाल ने आयोजित पत्रवार्ता में जानकारी देते हुए कहा
कि उनका इन्टीरियर और तन्मय मोटर्स के नाम से कारोबार है। किसी भी प्रकार
के महादेव एप्प सट्टा कारोबार व कालेधन से उनका दूर दूर तक कोई लेना
देना नही है। मेरे नाम के हमनाम व्यक्ति की वजह से मेरी सामाजिक और
व्यक्तिगत छवि समाज में खराब हो रही है। जिससे में काफी पैनिक हूं। मेरे
परिजन भी पैनिक है लेकिन मैने उनसे कहा कि आप लोगों को पैनिक होने की
जरूरत नही है। एक गुमनाम पत्र जिसमें मुझे बदनाम किया गया है यह गुमनाम
पत्र किसी विनोद सिंह के द्वारा जामुल थाना प्रभारी के नाम से भेजा गया
है कि मेरे पास काफी सम्पत्ति है, मंहगी लग्जरियस गाड़ी में मै घूमता
हैं। श्री जासवाल ने आगे बताया कि समाचार पत्रों व कुछ न्यूज पोर्टल में
कुछ पुलिस अफसरों के साथ मेरी फोटो को पहले दिखाया गया और अभी उसे ब्लर
कर दिया गया है। मुझसे पहले विज्ञापन मांगा गया और एक व्यक्ति ने आकर
मुझसे 20 हजार रूपये लिये लेकिन पुलिस अफसरों का विडियो वायरल होने के
बाद उक्त 20 हजार रूपये मुझे लौटा दिये गये और कहा गया कि मामला काफी
गंभीर है, मैने इस पूरे मामले की शिकायत तात्कालिक एसपी जितेन्द्र शुक्ला
व नव पदस्थ एसएसपी विजय अग्रवाल व आईजी दुर्ग रेंज से शिकायती आवेदन दिया
हूं, जिसमें मैं इस पूरे मामले की निष्पक्षता से पुलिस जांच करने की मांग
किया हूं। असली धर्मेन्द्र जायसवाल व नकली धर्मेन्द्र जायसवाल कौन है, और
विनोद सिंह कौन है, पुलिस इसकी निष्पक्षता से जांच करें । मैं हर जांच
में सहयोग करने के लिए तैयार हूं। मै पहली बार अपने परिवार के साथ दुबई
2023 में गया था, यदि पुलिस जिस धर्मेन्द्र जायसवाल को फरार बता रही है
और वह सट्टे के काम से जुड़ है और यदि मैँ हूं तो पुलिस मेरे को अब तक
क्यो नही पकड़ी? मुझे कोई नोटिस पुलिस ने क्यों नही दिया? मेरी गिरफ्तारी
भी नही हुई, दुर्ग जिले में मेरा किसी भी थाने में कोई भी अपराध आज तक
दर्ज नही है, चूंकि मेरा भाई मीर जयसवाल एबीव्हीपी से जुडा है, उसका हाल
फिलहाल में एक मारपीट का मामला स्मृति नगर पुलिस चौकी में दर्ज है, मीर
जायसवाल ने ही मेरे जन्मदिन के अवसर पर पुलिस के अफसरो, नेताओं व
पत्रकारों व सामाजिक लोगों को न्यौता देकर बुलाया था, मैं पहली बार पुलिस
अफसरों से रू ब रू हुआ था, सोशल मीडिया में दुर्ग पुलिस की अच्छी
कार्यवाही की वजह से जामुल थानेदार कपिलदेव पाण्डेय व सुखनंदन राठौर को
चेहरे से पहचानता था, तात्कालिक छावनी थाने के थानेदार चेतन चन्द्राकर को
मैं नही पहचानता था, सामाजिक सरोकार के किसी भी कार्यक्रम में ऐसे में
किसी को भी नही बुलाया जा सकता ये कहां का नियम है, और इतने महिने बाद
फोटो क्यों वायरल हुई, इसकी भी जांच पुलिस करे। मेरे पिता का नाम
शिकारीलाल जायसवाल है। आरटीआई पुलिस से हमने धर्मेन्द्र जायसवाल के पिता
का नाम मांगा है, लेकिन 140/22का आरटीआई पुलिस हमें अभी तक नही दी है।
मुझे कुछ लोग टारगेट कर रहे है, पूछने पर वह स्पष्ट बोलने से बचते रहे।
चूंकि मैं भाजपा से जुडा हूं कार्यकर्ता हूं। दुर्ग जिला पंचायत अध्यक्ष
श्रीमती बंजारे के चुनाव में भी मेरे द्वारा भारी भरकम खर्चा की बातें
उडाई गई जो कि निराधार है, उसकी भी कोई सच्चाई नही है, चुनाव में आदमी
लड़ता है, जीत हार जनता तय करती है। पुलिस को फर्जी लेटर देकर गुमराह
करने का कार्य किया जा रहा है, जिस डाकघर से लेटर जारी हुआ, वह हाउसिंग
बोर्ड का ही है, उसके सीसीटीवी में लेटर डालने वाले सख्स का फुटेज हमने
निकाल लिया है और शंका के आधार पर हमने पुलिस को जांच करने की मांग की
है।
मेरे पक्षकार की छवि धुमिल करने वालों को दिया जा रहा है 2 करोड के
मानहानि का नोटिस-अधिवक्ता अशोक शर्मा
उनके अधिवक्ता अशोक शर्मा भी पत्रकार वार्ता में उपस्थित थे, उन्होंने इस
दौरान बताया कि मेरे पक्षकार की छवि खराब की जा रही है, उसका किसी भी
अवैध धंधा व काम से कोई लेना देना नही है, वह पूर्णत: व्यवसायी है,
महादेव एप्प व सट्टा जैसे कोई संलिप्ता उसकी नही है, यदि रहती तो तीन साल
से जिस धर्मेन्द्र जायसवाल को पुलिस फरार बता रही है, वह कौन है, उसकी
जांच होनी चाहिए, अधिवक्ता श्री शर्मा ने आगे बताया कि जिन पुलिस अफसरों
का विडियो वायरल हुआ है, और शासन ने उनपर एक्शन लिया है, इससे पुलिस और
शासन की छवि भी धूमिल हुई है। अशोक शर्मा ने कहा कि जिस जिस ने हमारे
पक्षकार की छवि खराब की है, हमारे द्वारा उन लोगों पर दो करोड़ का
दिवानी मानहानि का नोटिस दिया जा रहा है। इसमें किसी को भी नही बख्शेंगे।
आज सोशल मीडिया में धर्मेन्द्र जायसवाल का चेहरा ब्लर कर दिया गया है,
लेकिन पुलिस का चेहरा साफ दिखाया जा रहा है,ऐसे में शासन प्रशासन को पूरी
निष्पक्षता के साथ असली धर्मेन्द्र जायसवाल कौन है, सट्टे और महादेव एप्प
में किस किस की संलिप्ता है, इसकी जांच पुलिस के वरिष्ठ अफसर करें।
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