भिलाई महिला महाविद्यालय में प्रेमचंद की 145 वीं जयंती का आयोजन
भिलाई महिला महाविद्यालय में 31 जुलाई 2025 को 145 वीं प्रेमचंद जयंती का आयोजन हर्षोल्लास पूर्वक किया गया ।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. संध्या मदन मोहन द्वारा माँ सरस्वती के पूजन- वंदन एवं दीप प्रज्वलन के पश्चात् प्रेमचंद के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि संस्थान की प्राचार्या ने अपने उद्बोधन में कहा ‘कलम के सिपाही’ प्रेमचंद ने अपनी लेखनी द्वारा लोगों को जागरूक एवं स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु उत्प्रेरित किया। उन्होंने अपने साहित्य में मानव जीवन का यथार्थ चित्र अंकित किया । उनका साहित्य एक दर्पण है जिसमें हम उस समय की सामाजिक स्थिति को साफ देख सकते हैं । उनकी रचनाओं ने न केवल साहित्य को समृद्ध किया बल्कि समाज को भी दिशा देने का कार्य किया। हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. सरिता मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा प्रेमचंद का साहित्य आज भी प्रासंगिक है, उनके द्वारा लिखे साहित्य में विवेक के आंदोलन थे । एक चेतना थी , समाज के लिए सुधार का संदेश था। कला संकाय की संकायाध्यक्ष डॉ. सरिता नितिन जोशी ने अपने संबोधन में कहा प्रेमचंद एक सामाजिक चिंतक भी थे। उनके शब्दों में समाज को बदलने की शक्ति थी उन्होंने मनोरंजन के साथ-साथ पाठकों को सोचने और जागरूक होने का अवसर दिया l
इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राओं ने प्रेमचंद के साहित्यिक परिचय एवं महत्व के संबंध में अपने विचार रखें। बीए तृतीय वर्ष की छात्रा निशा शर्मा ने प्रेमचंद के साहित्य का सामाजिक प्रभाव, बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा यामिनी गोंड ने प्रेमचंद की उपन्यासित कृति ‘गबन’ के संबंध में अपने विचार रखें। बीए प्रथम सेमेस्टर की छात्रा डिंपल गुप्ता ने प्रेमचंद जी का जीवन परिचय पर आलेख पढ़ा। बीए प्रथम सेमेस्टर की छात्रा सभ्या पांडे ने प्रेमचंद की उपन्यासित कृति ‘गोदान-कृषक जीवन का महाकाव्य’ के संबंध में अपना विचार रखा। इस अवसर पर डॉ. सुकन्या घोष विभागाध्यक्ष अंग्रेजी विभाग , सुश्री सलमा मोहम्मद शफी विभागाध्यक्ष कंप्यूटर साइंस,श्री मयंक ठाकुर सहायक प्राध्यापक अर्थशास्त्र , श्री दीपक दास मानिकपुरी सहायक प्राध्यापक कंप्यूटर साइंस, तथा अन्य विभाग से आए अनेक प्राध्यापक एवं विभिन्न संकायों की छात्राएं बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे l कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन डॉ. सरिता मिश्र, विभागाध्यक्ष हिंदी विभाग द्वारा किया गया l