सिद्धचक्र महामंडल विधान का भव्य आयोजन…
भिलाई । औद्योगिक नगरी भिलाई अंचल में पुनः आर्यिका माता जी के रूप में साध्वीयों का सान्निध्य प्राप्त हुआ हैं। धर्म नगरी राजिम में चातुर्मास पूर्ण कर शीत ऋतु के मध्य इंदौर की ओर विहार करते हुए माता जी ससंघ नेहरूनगर के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में विराजमान हैं।
देश के महान आचार्य कवि ह्रदय 108 विभव सागर जी से दीक्षित परम् प्रभावी शिष्या आर्यिका 105 श्री स्वाध्याय श्री माता जी, आर्यिका 105 श्री चर्या श्री माता जी ससंघ के आगमन से पुनः अंचल का वातावरण धर्ममय हो गया हैं।
इस अवसर पर जैन मंदिर में कैलेंडर नव वर्ष 2025 के मंगलमय आगमन हेतु श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन किया हैं। जैन धर्म अनुसार इस विधान में सिद्ध परमात्मा की 2040 अर्घ्य व आहुतियों के माध्यम से विनय व पूजन की जाती हैं।
माताजी के ससंघ सांनिध्य व विधानाचार्य अनेकान्त जैन के मार्गदर्शन में प्रथम दिन घटयात्रा, ध्वजरोहण, मंडल व स्थलशुद्धि आदि मांगलिक क्रिया उपरांत अब तक 4 पूजायें सम्पन्न की जा चुकी हैं, जिनमें 120 धारायें, अर्घ्य समर्पित किये गए।
इस विधान में सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य नेहरूनगर जैन समाज के अध्यक्ष मनीत जैन – प्रियंका जैन, ईशान इंद्र आनंद -मंजूषा जैन, सानत इंद्र संजीव- सपना कासलीवाल, माहेन्द्र इंद्र जितेंद्र – वंदना जैन व धनपति कुबेर बनने का सौभाग्य भरत – श्वेता गोधा परिवार को प्राप्त हुआ। तथा इस विधान के प्रमुख पात्र श्रीपाल मैना सुंदरी बनने का सौभाग्य प्रथम दिन अंकित-आयुषी नाहर व द्वितीय दिन विजय कुमार – सरला जैन परिवार को प्राप्त हुआ।
1 जनवरी को विश्वशांति महायज्ञ…
समाज के मंत्री सी ए क्षितिज जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि, लोक कल्याण व मंगलकारी नववर्ष की भावना से विधान के अंतिम चरण में विश्वशांति महायज्ञ सम्पन्न होगा, जिसमें अधिक से अधिक धर्मवलंबियों को सम्मिलित होने हेतु समाज ने अपील की हैं ।