सुशासन की सरकार में फर्जी दस्तावेज एवं पुलिस विभाग की फर्जी सील लगाकर दुरूपयोग करने वाले प्रकाशचंद जैन के विरूद्ध हुआ मामला दर्ज
प्रार्थिया रिद्धि ने इस मामले की शिकायत की थी आईजी और एसपी से
भिलाई। फर्जी दस्तावेज एवं पुलिस विभाग का फर्जी सील का दुरूपयोग कर कुटरचित दस्तावेज तैयार करने के मामले में आज प्रार्थिया श्रीमती रिद्धि जैन पिता स्व. जशराज जैन 34 साल निवासी शांति नगर की रिपोर्ट पर दुर्ग गया नगर निवासी प्रकाशचंद जैन के विरूद्ध कोतवाली पुलिस ने बीएनएस की धारा 318 (4) के तहत अपराध दर्ज किया है। प्रार्थियां के दिये गये चेक को जमानत पत्र, इकरारनामा व वचन पत्र को कूटरचित कर दस्तावेज को न्यायालय में पेश कर धोखाधड़ी करने की शिकायत प्रार्थियां ने पुलिस के बड़े अधिकारियों से की थी। एसपी दुर्ग ने सुपेला पुलिस को भेजा था, चूकि घटना स्थल सिटी कोतवाली दुर्ग है। पुन: मामला दुर्ग थाने आया और इस पूरे मामले में अपराध घटित होना पाया गया। फर्जी दस्तावेज एवं पुलिस विभाग का फर्जी सील का दुरूपयोग कर कुटरचित दस्तावेज तैयार कर दुर्ग न्यायालय में पेश कर धोखाधड़ी करने के संबंध में यह आवेदन दिया गया था, कि प्रकाशचंद जैन व रिद्धि जैन में 03-02-2025 को प्रकाशचंद जैन द्वारा दस्तावेज जमानत पत्र इकरारानामा, वचन पत्र प्रस्तुत किया गया। उक्त दस्तावेज में सूचना के अधिकार 2005 के तहत जनसूचना अधिकारी कार्यालय एसपी दुर्ग का उल्लेख है जिसमें जमानत पत्र खाली है, श्रीमती सुल्ताना बानो द्वारा 1 आवेदन एसपी दुर्ग को प्रकाशचंद जैन के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही के लिए 2017-18 में शिकायत की गई थी, आवेदन के साथ सभी दस्तावेज भी संलग्र थे, जिसमें जमानत पत्र, इकरारनामा, वचनपत्र दिया गया था,जो कि पूरा भरा हुआ था, लेकिन प्रकाश चंद जैन ने 03-02-2025 को माननीय न्यायालय मेें उक्त दस्तावेज को कुटरचित कर जनसूचना अधिकारी कार्यालय दुर्ग एसपी का सील लगा सहित प्रस्तुत किया है। जिसमें जमानत पत्र निरंक, व वचन पत्र मेें 5 प्रतिशत को कूटरचित कर निरंक कर दिया गया है। रिद्धी जैन ने 3-02-2025 को एस पी कार्यालय में सूचना के अधिकार के अंतर्गत आवेदिका सुल्ताना बानो द्वारा वर्ष 2017-18 में दिये गये शिकायत आवेदन संपूर्ण दस्तावेज प्रतिवेदन की सत्य प्रतिलिपि की मांग की गई थी। सूचना के अधिकार के अंतर्गत 22 पेज का संपूर्ण दस्तावेज मुझे प्राप्त हुआ, जिसमें जमानत पत्र भरा हुआ है और वचन पत्र भी पंाच प्रतिशत भरा हुआ है। प्रकाशचंद जैन द्वारा फर्जी रूप से दस्तावेज कूटरचित कर पुलिस विभाग की सील बनाकर उसका दुरूपयोग किया है। धारा 170, 171, 419, 420, 466, 2467, 468, 471, 484 भादवि जो अब धारा 204,205,319, 318, 337, 338, 336, 340, 347, बीएनएस 2023 के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। इस मामले में दुर्ग पुलिस प्रकाशचंद जैन के विरूद्ध अपराध दर्ज किया है। मामले की तेजी लाने की बात कही है और आरोपी की गिरफ्तारी की बात भी दुर्ग पुलिस कह रही है। अब देखना यह है कि सुशासन की सरकार में कुटरचित दस्तावेज एवं दुर्ग पुलिस की फर्जी सील का उपयोग करने वाले व लगाने वाले और किन किन लोगों पर दुर्ग पुलिस शिकंजा कस पाती है। लोगों की इतनी हिम्मत की वह जीरो टारलेंस की इस सरकार में ईमानदार छवि वाले पुलिस अधीक्षक दुर्ग पुलिस की नाक के नीचे प्रकाशचंद जैन जैसे लोग इतना बड़ा दुस्साहस आखिर कैसे कर लिए। पुलिस के बड़े अधिकारियों ने इसे गंभीर विषय मानते हुए प्रार्थियां रिद्धि जैन की इस शिकायत को गंभीरता से लेकर अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।