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बलरामपुर- रामानुजगंज जिले के नवपदस्थ पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर ने पदभार किया ग्रहण 

एक नाकामी से निराश नही होना चाहिए बल्कि उससे यह सीखना चाहिए कि आपने गलती कहा कि – IPS वैभव बैंकर

भिलाई । इंजीनियरिंग करने के बाद मेरे मित्र मनीष ने मुझसे कहा की जॉब तो मिल जाएगी पर यूपीएससी की तैयारी करते है, उसने मुझे यूपीएससी की तैयारी कराई और मेरे अंकल ने मुझे इसके लिए मोटिवेट और गाइड किया। वर्ष 2013 में मैं तैयारी के लिए दिल्ली चला गया और वहां करीब डेढ़ साल तक रहा इस दौरान घर मे पैसे का बहुत दिक्कत था पर भी मैं जैसे-तैसे वहां रह कर मैं तैयारी किया। दिल्ली में मेरी ज्यादा तवियत खराब हो जाने के कारण मैं वापस गुजरात आ गया। यह सब बातें बलरामपुर रामानुजगंज जिला के नवपदस्थ पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर ने सारनाथ एक्सप्रेस से विशेष बातचीत में कही। इन्होंने अपने अब तक के सफर को हमसे साझा किया।


आईपीएस वैभव बैंकर मूलतः गुजरात से है। इनकी प्रारंभिक शिक्षा हेब्रोन स्कूल मणिनगर (अहमदाबाद) से हुई थी। हाईस्कूल और हायर सेकंडरी तक कि शिक्षा इन्होंने महेंद्र कन्हैया लाल स्कूल से पूरी की। इसके बाद एआईईईई (AIEEE) के एग्जाम के जरिये इनका चयन धीरूभाई अंबानी इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (DAIICT) में एसीटी इंजीनियर के लिए हुआ। वर्ष 2009 से 2013 तक इन्होंने इंजीनियरिंग किया। यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली गए परन्तु तवियत खराब होने की वजह से वापस गुजरात आ गए और वहां की एसपीपी (SPIPA) संस्था जॉइन कर लिए जो कि यूपीएससी की तैयारी कराती थी।
इन्होंने पहली बार वर्ष 2014 के यूपीएससी एग्जाम में भाग लिए औऱ असफल रहे इसके बाद इन्होंने वर्ष 2015, 2016, 2017 के परीक्षाओ में भी हिस्सा लिया परंतु इन्हें सफलता नही मिली और इन्होंने हार न मानते हुए तैयारी जारी रखी और अपने पांचवे अटेंप्ड 2018 में इन्हें सफलता मिली और यह भारतीय पुलिस सेवा के लिए चयनित हुए। इन्हें छत्तीसगढ़ कैडर मिला। वर्ष 2020-21 में नेशनल पुलिस एकेडमी, हैदराबाद में ट्रेनिंग के बाद यह छत्तीसगढ़ आये और इन्हें पहली जिला पोस्टिंग दुर्ग मिली है, जहां यह वर्तमान में भिलाई नगर थाना प्रभारी रहे, इसके बाद इन्हें दुर्ग सीएसपी, एएसपी बीजापुर और अब राज्य सरकार ने इन्हे बलरामपुर रामानुजगंज जिले का पुलिस अधीक्षक पद की जिम्मेदारी सौंपी है।

म्यूजिक, कुकिंग और गैजेट्स के बारे जानने की विशेष रुचि रखने वाले आईपीएस वैभव बैंकर अपने माता-पिता और अपने अंकल को अपना आदर्श मानते है। यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं को अपना अनुभव साझा करते हुए इन्होंने बताया कि यह परीक्षा एक पूरा सर्कल है,इस परीक्षा में कोई श्योर नही होता। मोटिवेटशन के साथ आपको डटे रहना पड़ेगा, जरूरी नही है कि आप पहली बार मे ही सफल हो जायेगा, इसमें एक, दो, तीन, चार पांच बार भी लग सकता है, इसलिए धैर्य बनाये रखे। इसको पकड़कर रखेंगे तो कभी ना कभी रिजल्ट आपके फेवर में आएगा।

जब भी आप पढ़ाई कर रहे है तो नॉलेज के लिए करते है, वो किसी भी क्षेत्र में आपको पीछे नही रखेगा, वो हर परीक्षा के लिए काम आएगा। यह तैयारी सब कुछ बदल देगा। तैयारी के दौरन आप जो कुछ भी सीखेंगे को आपको आगे ले जाएगा चाहे वो कोई भी परीक्षा हो। एक नाकामी से निराश नहीं होना चाहिए बल्कि उस नाकामी से सीखने की कोशिश करे कि आपने कहा गलती की है, और फिर वही से तैयारी करें सफलता जरूर मिलेगी। प्रतियोगी परीक्षा के तैयारी के दौरान परिवार का हर तरह से सपोर्ट होना अति आवश्यक है।
मेरे पिताजी गुजरात सरकार में वायरमैन थे और जूनियर क्लार्क (इरिगेशन डिपार्टमेंट) होकर रिटायर्ड हुए। उन्होंने मुझे सबसे ज्यादा सपोर्ट और मोटिवेट किया। मेरी माताजी बैंक में जॉब करती है उनका भी भरपूर सहयोग मिला। परिवार के सपोर्ट के कारण की मैं यहां तक पहुंच पाया हूं, परिवार के सपोर्ट का नतीजा है कि मैंने हार नही मानी और 5वी बार परीक्षा दिया और आज इस मुकाम पर पहुंचा हूँ।

फ़ैलेर इज ए फेज…. सक्सेस इज एन इरा..

फेलर आते रहेंगे एक फेज में चलते है, पर जिस दिन सक्सेस आएगा वो पूरी जिंदगी चलता है!

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