भिलाई - दुर्ग

दुर्ग में आईटी/आईटीईएस पार्क की स्थापना को लेकर आईआईटी भिलाई में रणनीतिक बैठक आयोजित  

 

तकनीकी नवाचार, कौशल विकास और स्टार्टअप ईकोसिस्टम को मिलेगा सशक्त आधार

 

भिलाई, 1 अगस्त 2025। दुर्ग, छत्तीसगढ़ में एक अत्याधुनिक आईटी/आईटीईएस पार्क की स्थापना को लेकर एक उच्चस्तरीय रणनीतिक बैठक का आयोजन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भिलाई में किया गया। यह पहल आईआईटी भिलाई, जिला प्रशासन दुर्ग, उद्योग संचालनालय, छत्तीसगढ़ शासन, एवं प्रमुख शैक्षणिक एवं औद्योगिक साझेदारों के बीच संयुक्त सहयोग का परिणाम है, जिसका उद्देश्य प्रदेश में कौशल विकास, रोजगार सृजन, नवाचार एवं उद्यमिता को बढ़ावा देना है।

 

इस अवसर पर श्री विश्वेश कुमार, प्रबंध संचालक, उद्योग संचालनालय, छत्तीसगढ़ शासन विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा,

 

“आईआईटी भिलाई की उन्नत अनुसंधान क्षमता और छत्तीसगढ़ शासन की व्यवसाय अनुकूल नीतियों के संयुक्त प्रयास से, दुर्ग भविष्य में एक सशक्त आईटी/आईटीईएस नवाचार केंद्र के रूप में उभर सकता है।”

 

आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रो. राजीव प्रकाश ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए संस्थान की विशेषज्ञता को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि संस्थान कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI/ML), डेटा विज्ञान (DSAI) और मेकाट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट अनुसंधान कर रहा है और व्यावसायिक रूप से तैयार समाधानों के माध्यम से प्रौद्योगिकी आधारित सहयोग को गति देने हेतु प्रतिबद्ध है।

 

बैठक में श्री आलोक कुमार त्रिवेदी (अतिरिक्त संचालक, उद्योग), श्री राम खंडेलवाल (जीएम, उद्योग), श्री सुमित अग्रवाल (आयुक्त, नगर निगम दुर्ग), श्री अजीत भटपहरी, श्री कपिल कुशवाहा तथा श्री संजय कुमार सिंह (सीएसआईडीसी रायपुर) सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

 

इसके अतिरिक्त, Augtech Pvt. Ltd., SteelHaat सहित उद्योग जगत के प्रतिनिधियों एवं स्टार्टअप संस्थापकों ने भी अपने विचार साझा किए।

आईआईटी भिलाई एवं आईबीआईटीएफ के प्रमुख शिक्षकों व अधिकारियों — प्रो. संतोष बिस्वास (डीन आरएंडडी), श्री विष्णु वैभव द्विवेदी (सीटीओ, आईबीआईटीएफ), एवं श्री प्रशांत माथुर (सीईओ, आईबीआईटीएफ) — ने स्टार्टअप ईकोसिस्टम को मजबूत करने और तकनीकी मार्गदर्शन के अवसरों पर प्रकाश डाला।

 

बैठक के अंत में विभिन्न हितधारकों द्वारा प्रस्तावित स्थल की संभाव्यता, भूमिकाओं और उत्तरदायित्वों का स्पष्ट निर्धारण, एवं दीर्घकालिक और सतत साझेदारी मॉडल पर सहमति बनी।

 

यह पहल छत्तीसगढ़ राज्य की औद्योगिक नीति 2024–30 और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे दुर्ग को आईटी/आईटीईएस और डिजिटल नवाचार क्षेत्र के रूप में स्थापित करने में सहायता मिलेगी।

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