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सुनिश्चित सफलता के लिये अपनी सारी ऊर्जा लक्ष्य पर फोकस करें- कंवर

भिलाई में ‘‘व्यापार में सफलता के लिए वैदिक ऊर्जा का मार्ग’’ पर एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित

दुर्ग, 26 जुलाई 2025 – भिलाई शहर में दिनांक 25 जुलाई 2025 को ‘‘व्यापार में सफलता के लिए वैदिक ऊर्जा का मार्ग’’ पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि की आसंदी को सुशोभित करते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीडीसीएल) के प्रबंध निदेशक श्री भीमसिंह कंवर ने कहा कि ब्रह्माण्ड में ऊर्जा ही ऊर्जा है। उसी से सबको ऊर्जा मिलती है। हम जो विचार करते हैं वह ऊर्जा का ही रूप है। हम सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हुए नकारात्मक ऊर्जा को हटाते जाते हैं और इस सकारात्मक ऊर्जा को लक्ष्य की दिशा में फोकस करते हैं तो सफलता सुनिश्चित हो जाती है। चाहे जीवन का कोई भी कार्य हो अपनी शत-प्रतिशत ऊर्जा लगाकर करेंगे तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकेगा। उन्होंने कहा कि दुनिया अणु परमाणु से ही बनी है। यह बात हजारों साल पहले वैदिक महर्षि कणाद ने कही थी। उन्होंने ब्रम्हांड को ऊर्जा स्वरूप बताया था। श्री कंवर ने कहा कि भगवान शंकर ने माता पार्वती को स्वरों का ज्ञान दिया था, ऋषि मुनियों ने और खोजकर इसे जनता के समक्ष लाया। उन्होंने बताया कि हमारे देश में ऋशि मुनियों ने बहुत सारी खोज की है। श्री कंवर ने कहा कि मैं यहां छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं, जो प्रदेश में ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य कर रहा है। अन्य रुप में यदि व्याख्या करें तो आपने मन में कुछ सोचा, उसे मुंह से बोला और वह ऊर्जा ब्रम्हांड में चली गई। आपने उसको क्रियान्वित किया। उन्होंने कहा कि ब्रम्हांड में ऊर्जा ही ऊर्जा है। ऊर्जा ना बनती है और ना ही खत्म होती है, ऊर्जा का बस रुपांतरण होता है। जैसे आजकल हम सूर्य की ऊर्जा का उपयोग कर बिजली घर पर उत्पन्न कर घरों को रोशन कर सकते है। ठीक उसी तरह आप अपनी ऊर्जा को अपने तप से सकारात्मक दिशा दे ंतो आपकी सफलता सुनिश्चित है।

उल्लेखनीय है कि उक्त एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन सिविक सेंटर भिलाई स्थित कला मंदिर में छत्तीसगढ़ चंेबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता बिजनेस एवं एनर्जी गुरु श्री जयंत पांडेय ने उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया कि कैसे वैदिक ज्ञान, जिसमें ज्योतिश, वास्तु शास्त्र और ध्यान जैसी प्रथाएं शामिल हैं, व्यापार में आने वाली चुनौतियों का सामना करने और अवसरों का अधिकतम लाभ लेने में मदद कर सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आंतरिक शांति, सकारात्मक दृष्टिकोण और ब्रम्हाण्डीय ऊर्जा के साथ तालमेल व्यापारिक निर्णयों और परिणामों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। कार्यशाला के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं अन्य सत्र भी आयोजित किए गए। इस दौरान विशिष्ट अतिथि के रुप में दुर्ग-भिलाई शहर के प्रतिष्ठित शिक्षाविद् श्री आई.पी. मिश्रा उपस्थित रहे। कार्यशाला में सीएसपीडीसीएल दुर्ग क्षेत्र के मुख्य अभियंता श्री संजय खंडेलवाल सहित दुर्ग-भिलाई शहर के उद्योगपति एवं व्यापारीगण बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

 

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