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देवांगन समाज ने शरद पूर्णिमा के अवसर पर ‘सुरमई गीत संगीत संध्या’ का शानदार आयोजन किया

* देवांगन समाज के 20 गायक गायिकाओं ने ‘चांद’ और ‘चांदनी’ पर केन्द्रित गीत गाकर समां बांधा
* देवांगन समाज प्रतिभा संपन्न है। समाज द्वारा प्रतिभाओं को मंच देना सराहनीय कार्य। शरद पूर्णिमा का पौराणिक महत्व है : आचार्य डॉ महेश चंद्र शर्मा

भिलाई। देवांगन जन कल्याण समिति भिलाई नगर के तत्वावधान में शरद पूर्णिमा के अवसर पर ‘सुरमई गीत संगीत संध्या’ का खूबसूरत आयोजन परमेश्वरी मंदिर प्रांगण प्रगति नगर रिसाली भिलाई में संपन्न हुआ। देवांगन समाज के 20 गायक गायिकाओं ने ‘चांद’ और चांदनी पर केन्द्रित खूबसूरत गीत गाकर समां बांधा। जिसका दर्शकों ने देर रात तक आनंद लिया। इस बीच शरद पूर्णिमा का पवित्र खीर का वितरण भी उपस्थित लोगों के बीच किया गया। अपने संबोधन में देवांगन जन कल्याण समिति के अध्यक्ष घनश्याम कुमार देवांगन ने समाज की प्रतिभाओं की सराहना करते हुए सभी गायक गायिकाओं को बेहतरीन प्रस्तुति हेतु बधाई दी। उन्होंने समाज के हर एक छिपी हुई प्रतिभा को आगे आकर अपनी प्रतिभा एवं हुनर दिखाने का आव्हान किया।

समारोह में विशेष रूप से उपस्थित डॉ महेश चंद्र शर्मा ने इस तरह के समसामयिक आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि देवांगन समाज प्रतिभा संपन्न है। उन्होंने देवांगन समाज द्वारा प्रतिभाओं को नियमित मंच उपलब्ध कराने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने शरद पूर्णिमा के पौराणिक महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। आरंभ में समिति द्वारा अतिथियों का सम्मान कर समाज की पत्रिका “आवरण” की प्रतियां भेंट की गई। इस अवसर पर भिलाई वरिष्ठ नागरिक महासंघ के अध्यक्ष पुरुषोत्तम साहू, महासचिव गजानंद साहू, डॉ. कांतिलाल विश्वकर्मा, श्रीमती जयती साहू, अर्चना मूले, मन्ना वासनकर, छाया विश्वकर्मा, बी के सराफ, छत्तीसगढ़ सर्व समाज संगठन के भिलाई अध्यक्ष चंदूलाल मरकाम, डॉ. सूर्यमंगल देवांगन, डॉ गोपाल देवांगन, डॉ लता देवांगन, श्रीमती सुमन देवांगन,‌ प्रभा देवांगन, जयश्री देवांगन, शकुंतला बांकुरे, शीला देवांगन, टेसू राम देवांगन, राजेन्द्र लिमजे, गोवर्धन देवांगन, सत्येन्द्र राजापूजिया आदि सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। आयोजन स्थल पर स्व सहायता समूह की प्रभारी गायत्री देवांगन के द्वारा बड़ी, बिजौरी, पापड़, मोमबत्ती, सहित गोबर के दियों का स्टाल लगाया गया था।

इस अवसर पर गायक लक्ष्मीनाथ देवांगन, राजू देवांगन, कन्हैया देवांगन, गजेन्द्र देवांगन, जीतेन्द्र बांकुरे, होमलाल देवांगन, शांतिलाल देवांगन, हरीश देवांगन, शिव देवांगन, मिनेश देवांगन, हेम कैलाश देवांगन, जुगल किशोर देवांगन, दिनेश देवांगन, प्रकाश देवांगन तथा गायिका श्रीमती सुमित्रा देवांगन, विनीता देवांगन, चंद्र प्रभा देवांगन, सरिता देवांगन, युक्ती देवांगन एवं अभिलाषा देवांगन ने चांद एवं चांदनी पर केन्द्रित एक से बढ़कर एक खूबसूरत गीत प्रस्तुत किया। प्रस्तुत गीतों में चांद मेरा दिल चांदनी हो तुम, आ जा सनम मधुर चांदनी में हम, चांद को क्या मालूम, चांद से पर्दा कीजिए, चंदा ओ चंदा, आधा है चंद्रमा रात आधी, चांद आहें भरेगा, आओ तुम्हें चांद पे ले जाएं, चांद सी मेहबूबा हो, चांद जैसे मुखड़े पे बिंदिया सितारा जैसे गीतों ने श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी। संचालन एवं आभार प्रदर्शन घनश्याम कुमार देवांगन ने किया।

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