भ्रष्टाचार के मामले में केन्द्र और राज्य की एजेंसियां कांग्रेसियों और नौकरशाहो को मोदी व साय के चश्मे से ना देखे – अजय शिरबावीकर
भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र के युवा विधायक देवेंद्र यादव के शिक्षा विभाग के विधायक प्रतिनिधि अजय शिरबावीकर ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मीडिया से कहा
पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार खास तौर से छत्तीसगढ़ राज्य में कांग्रेस नेताओं एवं नौकरशाहो पर जो करोड़ों रुपए के घोटाले की जांच करके जेल के सलाखों के पीछे डाला जा रहा है क्या इस सारे घोटाले के पीछे सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस के नेता और नौकरशाही दोषी है क्या ?
भारतीय जनता पार्टी का कोई भी मंत्री, सांसद, विधायक क्या पाक साफ है। इनकी एजेंसियां इसका सर्टिफिकेट क्यों नहीं देती है साथ ही एजेंसियों को यह भी चाहिए कि वह करोड़ों के जिन घोटाले की बात कह रही है और आज एक प्रमुख समाचार पत्र में यह भी बताया गया है कि सात प्रकार के घोटाले छत्तीसगढ़ राज्य में हुए जिसमें शराब घोटाला, मेडिकल उपकरणों की खरीदी में अनियमितता, भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाला, कोयला घोटाला चावल मिल से वसूला कमीशन घोटाला के अलावा सबसे प्रमुख और चर्चित महादेव ऐप घोटाला यह सारे घोटाले करोड़ों रुपए के घोटाले राष्ट्रीय एजेंसियां और राज्य सरकार की लोकल जांच एजेंसियां कर रही हैं।
राज्य की सरकार में बैठे जनप्रतिनिधि यह भी कहते हैं कि इतने हुए घोटाले से तो राज्य का विकास हो जाता यहां यह बताना जरूरी होगा कि छत्तीसगढ़ राज्य में 15 साल भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही और उसके बाद 5 साल कांग्रेस की सरकार रही और अभी 2 साल से सुशासन की साय सरकार चल रही है क्या उसे सरकार में कहीं पर भी भ्रष्टाचार की दुर्गंध नजर नहीं आती है क्या हाल ही में ताजा उदाहरण CREDA के अध्यक्ष द्वारा 3% कमिशन की बात को लेकर मामला राज्य में गरमाया हुआ है बरहाल सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं ।
लेकिन आपको भी पता है की जांच के आरोप और प्रत्यारोप सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस के नेताओं पर ही मडे जाएंगे और नौकरशाह जो कांग्रेस सरकार में काम करते थे उन्हीं के ऊपर मड दिए गए है।
भारतीय जनता पार्टी के चाहे नेता हो या अफसर उन्हें क्लीन चिट मिल जाती है। अब देखना यह है कि इन सारी जांचों में कितना समय लगेगा और दूध का दूध पानी का पानी हो पाएगा।
राष्ट्रीय एजेंसी और राज्य की एजेंसियां जो भ्रष्ट्राचार की जांच कर रही हैं उन्हें एक तराजू में तौल कर सारी जांच को करना चाहिए ।जिसमें भारतीय जनता पार्टी के जो भी भ्रष्टाचारी नेता हैं उन्हें भी जेल की सलाखों के पीछे या फिर जो भी जांच में दोषी पाए जाते हैं उन पर उच्च स्तरीय विधि सम्मत कार्रवाई करनी चाहिए राष्ट्रीय एजेंसियां और लोकल राज्य की एजेंसी को मोदी के चश्मे से सिर्फ कांग्रेसियों को और नौकरशाहो को ही नहीं देखना चाहिए। जो भी जांच है उसे संविधान की धारा के अनुरूप अंबेडकर साहब के द्वारा बनाए गए कानून के अनुरूप करना चाहिए और जो भी इसमें दोषी और भ्रष्टाचारी हैं उन्हें जेल की सलाखो के पीछे या फिर न्याय संगत कार्रवाई करनी चाहिए।
देश की जनता और छत्तीसगढ़ राज्य की जनता भी अब जान चुकी है कि भारतीय जनता पार्टी कैसे-कैसे हथकंडों को अपनाकर राष्ट्रीय और लोकल एजेंसियों का दुरुपयोग करके कांग्रेस के नेताओं को और नौकरशाहों को किस तरह बदनाम कर रही है ऐसा समय आ गया है कि नौकरशाह सिर्फ सरकारों की कठपुतली बन कर रह गए हैं सरकार चाहे कांग्रेस की हो या फिर भारतीय जनता पार्टी की मंत्रियों और बड़े राजनेताओं के इशारों और आदेश पर कार्यवाई करते नजर आते हैं। लेकिन जब वक्त बुरा आता है खामियाजा सिर्फ नौकरशाह को ही भुगतना पड़ता है।कहावत है कि जब सैंया भय कोतवाल तो डर कहेगा ।इसी तर्ज पर राज्य की सरकार लगातार जिलों में छापे मार करवाई कर रही है और जनता भी कहने लगीं है कि प्रदेश के दामन पर सिंडिकेट बनाकर कमीशन खाने वाले और वसूली करने वाले ब्लैक से वाइट मनी को करने वाले कांग्रेस और नौकरशाह ही है क्या भाजपा के नेता भ्रष्टाचार मामले में पाक साफ है क्या इनकी भी संपत्तियों की जांच राष्ट्रीय और राज्य की एजेंसी क्यों नहीं करती।
राष्ट्रीय एजेंसी को देखना और समझना चाहिए सिर्फ और सिर्फ वे मोदी के चश्मे से और साय सरकार के चश्मे से यदि देख रहे हैं तो जनता भी आने वाले चुनाव में उन्हें देख रही है और उन्हें सबक सिखाने के लिए वह भी अब तैयार है। चाहे होने वाले महापौर चुनाव हो या 2028 में होने वाले विधानसभा चुनाव जनता ने भी अब कमर कस ली है और वह सारे घोटालेबाजों को सबक सिखाएगी यदि कांग्रेस की सरकार में लोगों ने घोटाले किए चाहे वह यूपीए की सरकार के समय हुए घोटाले हो या फिर भूपेश सरकार में हुए घोटाले सारे आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा ।डबल इंजन की सरकार यदि पाक साफ है तो वह भी छत्तीसगढ़ महतारी की कसम खाकर यह प्रमाणित करें हमारा कोई भी नेता दागदार व भ्रष्टाचारी नहीं है ना इससे जनता के बीच में जो कांग्रेस के प्रति नफरत का जहर घोला जा रहा है वह भी दूर होगा।
अभी वर्तमान में साय सरकार 2 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर रही है उसमें कितने विकास हुए विकास सिर्फ कागज में दिख रहे हैं और कागज की चिड़िया और कागज की नाव बनाकर उसे देखा जा सकता है चाहे सड़कों की बात करें, चाहे स्कूलों की बात करें, चाहे फिर कोई भी और बड़े घोटाले हो यदि घोटाले हुए हैं तो उसे पर पर्दा डालने का काम भारतीय जनता पार्टी ना करें और खाली कांग्रेसियों और नौकरशाह पर ही दोषारोपण करके अपनी इतिश्री ना करें ।
उन्हें यह भी देखना चाहिए कि अभी वर्तमान में राज्य और देश में भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार है जिन विभागों में भ्रष्टाचार हो रहे हैं उस पर भी नकेल कसनी चाहिए ना कि भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का काम करना चाहिए विकास कहां दिख रहा है यह जनता भी खोज रही है और जनता जानना चाहती है कि विकास की चिड़िया आखिरकार कहां है ।चिड़ियों को सिर्फ पिंजरे में बंद ना करें उसे खुले आसमान में उड़ने दे ताकि उड़ान अच्छी रहेगी तो देश और प्रदेश भी तरक्की करेगा अब आगे देखना यह है कि जो राष्ट्रीय और राज्य की एजेंसी है वह किस हिसाब से कार्य कर रही हैं कि वह भी कठपुतली बनकर इन सारे कार्यों को अंजाम देने में लगी हुई है एजेंसियों को निष्पक्ष होकर कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि इन एजेंसियों में जो नौकरशाह है वह आईएएस और आईपीएस स्टार के अफसर हैं जिन्होंने अपनी नौकरी लगने से पहले उन्होंने कसम भी खाई थी कि मैं जो भी काम करूंगा उसे पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ करूंगा ।
लेकिन डबल इंजन की सरकार में नौकरशाह काफी दबाव में काम कर रहे हैं इससे साफ स्पष्ट होता है कि कांग्रेस की पार्टी को सिर्फ और सिर्फ बदनाम करने का काम भारतीय जनता पार्टी के लोग और उनके नौकरशाह कर रहे हैं जो की पीएमओ से या फिर गुजरात से सीधे रिमोट कंट्रोल संचालित होकर कांग्रेस नेता लगातार टारगेट हो रहे है लेकिन कांग्रेस का कोई भी नेता न डरेगा, ना झुकेगा ओर न्याय की लड़ाई लड़ेगा चाहे उसे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी क्यों ना खटखटाना पड़े अभी कुछ मामले माननीय न्यायालय तक को प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर अपनी बातों को रखना पड़ा ।
हाई कोर्ट के माननीय चीफ जस्टिस जी ने भी कहा कि माननीय संवेदना का होना बहुत जरूरी है इस समाज में।
डबल और ट्रिपल इंजन की सरकार में अब तक छत्तीसगढ़ राज्य में जो बड़े घोटाले हुए उसमें 15000 करोड़ की काली कमाई का पर्दा फास्ट करने का दावा राष्ट्रीय एवं राज्य के एजेंसी के द्वारा किया गया क्या इन पैसों का उपयोग छत्तीसगढ़ राज्य चहुं मुखिय विकास में अपनी अहम भूमिका निभाएगा क्या ?
2 सालों में राज्य की हालत बस से बत्तर है जो भी वादे भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधियों ने किया मोदी की तस्वीर लगाकर वह सारे झूठे और जुमलेबाज साबित होते दिख रहें हैं।
यहां यह बताना भी जरूरी होगा कि जितने भी घोटाले बताए जा रहे हैं उसमें अधिकांश घोटाले सीधा संबंध केंद्र की सरकार व केंद्र की एजेंसियों से है जिसमें कोयला घोटाला, भारतमाला परियोजना घोटाला,मेडिकल उपकरण इत्यादि ऐसे कई बड़े घोटाले हैं जिसमें सीधा संबंध केंद्र और राज्य की एजेंसियां से है।
आखिरकार कमीशन का पैसा किसे नहीं चाहिए और किसे नहीं पसंद है कमीशन तो भाई सबको चाहिए उसी का ताजा उदाहरण है कि हाल ही CREDA के अध्यक्ष के द्वारा 3% कमीशन का मामला लगातार समाचार पत्र के सुर्खियों में बना हुआ है ।
छत्तीसगढ़ राज्य में भी हुए भ्रष्टाचार जैसे बहु चर्चित नान घोटाला, प्रियदर्शनी बैंक में करोड़ों का घोटाला के अलावा पनामा घोटाला कि आखिरकार जांच क्यों नहीं होती है यह भी बड़ा सवाल है जनता किसकी सच्चाई जानना चाहती है?