भिलाई - दुर्ग

विधायक देवेन्द्र यादव को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत

भिलाई। भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। आज सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका मंजूर कर उन्हें जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर हुई सुनवाई के बाद जमानत के निर्देश जारी कर दिए हैं। माना जा रहा है कि स्थानीय प्रक्रिया के बाद शुक्रवार शाम तक देवेंद्र यादव रायपुर जेल से बाहर आएंगे। जमानत मिलने के साथ ही विधायक देवेन्द्र के समर्थकों में जश्न का माहौल है। विधायक देवेन्द्र यादव 17 अगस्त 2024 से जेल में बंद हैं। 6 माह बाद वे अब जेल से बाहर आएंगे।

बता दें 10 जून 2024 में बलौदाबाजार में सतनामी समाज के विरोध प्रदर्शन के दौरान कलेक्टर और एसपी ऑफिस जला दिए गए थे। इस मामले में भीड़ को भड़काने, आंदोलनकारी का साथ देने का आरोप लगाकर कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव पर केस दर्ज किया गया था। इस दौरान कई बार उनकी जमानत याचिका खारीज हुई। इसके बाद उनकी जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। 20 फरवरी को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए संप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली गई है। सुप्रीम कोर्ट से इस केस को लेकर दिए गए दिशा निर्देश से जुड़े दस्तावेज बलौदाबाजार की अदालत में पेश किए जाएंगे ।
सुप्रीम कोर्ट में विधायक देवेन्द्र की दलील
जमानत याचिका के साथ विधायक देवेन्द्र ने जो दलील दी उसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका मंजूर की। विधायक देवेंद्र यादव की ओर से दी गई दलील में कहा गया कि बलौदाबाजार हिंसा घटना वाले दिन वह सिर्फ सभा में शामिल हुए। नतो वे मंच पर गए और न किसी भी प्रकार का भाषण दिया। जब किसी प्रकार का भाषण नहीं दिया तो भीड़ को उकसाने वाली बात कहां से आई। विधायक देवेन्द्र ने कहा उनके कार्यक्रम स्थल से लौटने के बाद यह सारा घटनाक्रम हुआ। जहां हिंसक घटना हुई वहां देवेंद्र यादव मौजूद नहीं थे। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी गिरफ्तारी भिलाई में उनके घर से हुई जो की घटनास्थल से कई किलोमीटर दूर है।
जानिए क्या है बलौदाबाजार हिंसा का पूरा मामला
बता दें 15 मई 2024 को सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इस घटना के बाद समाज के लोगों में काफी आक्रोश था। घटना के बाद 19 मई को पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था। इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोड़फोड़ कर दी लेकिन इस कार्रवाई से समाज के लोग संतुष्ट नहीं थे। इस बीच 10 जून को बलौदाबाजार में प्रदर्शन के दौरान लोग अचानक से उग्र हो गए। हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी दफ्तर में आगजनी की गई। कई गाड़ियां जला दी गई। इसके बाद कई जनप्रतिनिधि समेत करीब 200 लोगों की गिरफ्तारी हुई। प्रदर्शन में एक वीडियो सामने आया जिसमें देवेंद्र यादव भी शामिल दिखे। इस मामले में उन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया। एक बार वे पूछताछ के लिए बलौदाबाजार भी पहुंचे। इसके बाद 17 अगस्त को भिलाई के सेक्टर पांच स्थित उनके निवास से उनकी गिरफ्तारी हुई थी।

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