लायसेंसी अहाता संचालक नागेन्द्र द्वारा कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत करने के बावजूद भी आरंग में चल रहा है चखना सेंटर
सुशासन की सरकार में कई विभागों में शिकायत के बावजूद भी कार्यवाही नही होना दे रहा है कई संदेहों को जन्म
भिलाई। हाउसिंग बोर्ड भिलाईर् निवासी युवा बेरोजगार नागेन्द्र कुशवाहा द्वारा इस सुशासन की सरकार में आबकारी विभाग द्वारा संचालित अहाता का कार्य आरंग जिला रायपुर में लिया गया। जिसकी कुल राशि 11 लाख से अधिक शासन के आबकारी विभाग को प्रदाय की जा चुकी है, लेकिन आरंग के जिस जगह पर सरकारी शराब दुकान के पास जिस अहाते के संचालन नागेन्द्र के द्वारा जो किया जा रहा है, वहां उनके काम करने वाले कर्मचारी खाली पीली बैठकर मक्खी मारने का कार्य कर रहे है क्योंकि आरंग नहर के पास 15-20 से अधिक अवैध चखना दुकानों का संचालन बेधड़क कई महिनो से चल रहा है। ये सारा अवैध कार्य किसके संरक्षण में चल रहा है, यह सारा अवैध कार्य शराब खुलेआम अवैध शराब पिलाने का मांस मदिरा का ये जो खेल जो चल रहा है, उसपर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व आबकारी विभाग अपनी आंखे मुंदे बैठा है। अवैध चखना सेंटर का संचालन करने वाले ये सभी लोग बेखौफ होकर सरकारी जमीन पर मिट्टी, खेादने का व पेड काटने का काम बकायदा जेसीबी लगाकर वे धड्ल्ले से अपनी नई दुकान खोलकर हजारों रूपये प्रतिदिन सुबह से लेकर शाम तककमा रहे है, इन्हें रोकने व टोकने का साहस व दुस्साहस किसी भी विभाग के आला अधिकारियोंं में कही भी दिखाई नही दे रहा है। शिकायतकर्ता नागेन्द्र कुशवाहा द्वारा इस पूरे मामले की शिकायत रायपुर कलेक्टर, रायपुर एसएसपी, आबकारी विभाग रायपुर, स्थानीय विधायक आरंग, व नगर पालिका परिषद आरंग की सीएमओ से किये एक माह बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नही होना ये बताता है कि सुशासन की सरकार में नौकरशाह सिर्फ और सिर्फ या तो पूरे भ्रष्टाचार के आकंठ में डूब गये है या फिर किसी बडे राजनेैकि दबाव के कारण या वोटो की राजनीति की वजह से इनपर कार्यवाही नही होना कई संदेहों पर जन्म दे रहा है, शिकायतकर्ता श्री कुशवाहा ने कहा कि यदि यही हाल रहा तो वह शासन से अपील करेंगे की मेरे द्वारा शासन को दी गई राशि में या तो रियायत बरते या जब तक इन अवैध चखना दुकानवालों को नही खदेडा जाता है और इनकी अवैध दुकानों पर कार्यवाही नही की जाती तब तक मुझे कुछ नही बोला जाये, आखिरकार मैं अब कौन से विभाग में और किसी अधिकारी के पास शिकायत करूं ये सरकार मुझे बताये। इस मामले की शिकायत को लेकर आबकारी सेके्रटरी आर संगीता से भी बात की गई तो उन्होंने बाहर होने का हवाला दिया और लौटने के पश्चात ही इस समस्या का हल करने की बात कही। लेकिन बडा ही दुर्भाग्य है कि कलेक्टर के जनदर्शन में बैठे अफसरों व कलेक्टर गौरव सिंह के हाथ में आवेदन देने के बावजूद भी कार्यवाही नही होना कई संदेहों कोजन्म देता है, बहरहाल रायपुर कलेक्टर ने शिकायतकर्ता नागेन्द्र कुशवाहा के आवेदन की जांच का जिम्मा एसडीएम आरंग को सौंपा था, उन्होने भी कहा कि मैं अभी नईआईहूं, इसे मैं दिखवाती हूं। वहीं आबकारी अफसर आरंग में पदस्थ रहे श्रीकुर्रे का तबादला हो जाने की वजह से उन्हांने भी इस मामले से अपना पल्ला झाडते हुए नये अधिकारी पर कार्यवाही का ठीकरा फोड डाला। नई अफसर आबकारी आरंग श्रीमती कुशवाहा मैडम ने कहा कि मैने अभी ज्वाईनिंग नही की हूं इस मामले में मैँ अभी कुछ मदद नही कर सकती है।
इस संबंध में आरंग थाने में भी थानेदार राजेश सिंह से भी शिकायत कीगई तो उनका कहना था कि हम समय समय पर कार्यवाही करते है, लेकिन शराब पकडने का कार्य अधिकतर आबकारी विभाग का है, लेकिन क्षेत्र में खुलेआम दिन दहाडे अवैध रूप से सुबह से शाम तक लोग अवैध चखना सेंटर में दारू पी रहे है और आरंग पुलिस बेबस है। यहां ये बताना लाजिमी है कि वर्ष 7 जुलाई 2025 से 31 मार्च 2027 तक यानि कुल 21 माह तक आबकारी विभाग द्वारा जारी निविदा भरकर एवं विधिवत शुल्क जमाकर मुझे आबकारी विभाग द्वारा लायसेंस दिया गया है लेकिन शराब दुकान के आसपास 15-से 20 की संख्या में अवैध रूप से चखना दुकानों का संचालन किया जा रहा है,उसकी वजह से मुझे शासकीय लायसेस शुल्क पटाने में मुझे समस्या आ रही है, इससे शासकीय राजस्व की भी हानि हो रही है। शासन से मांग की है कि सभी संचालित अवैध चखना, गुमटी व दुकानों को बंद कराया जाये और उनपर उचित कार्यवाही करें।