भिलाई - दुर्ग

एलुमनी कनेक्ट कार्यशाला के द्वितीय दिन के प्रशिक्षण की जानकारी

गृह विज्ञान एवं कला संकाय के संयुक्त तत्वाधान मे “पाथवे टू सक्सेस एलुमनी कनेक्ट” कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। ये कार्यशाला राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. श्रीमती संध्या मदन मोहन के निर्देशन एवं मार्गदर्शन मे आयोजित है। वर्कशॉप के दूसरे दिन 06/02/25 को प्रथम सत्र में डॉ. श्रीमती मृदुल रत्न चौरसिया जो कि सी. डी. डी. एम. पॉलीटेक्निक कॉलेज राजनांदगांव मे विभागाध्यक्ष एवम सहा. प्राध्यापिका है , ने छात्राओं को स्किल डेवलपमेंट के अंतर्गत टाई एंड डाई की कला का प्रशिक्षण दिया , उन्होंने टाई एंड डाई के अलग अलग प्रकार ,रंग बनाना , गांठे खोलना , धोना एवं कैसे सूखाएं आदि की जानकारी दी ।
द्वितीय सत्र मे हमारी एलुमनी श्रीमती नेहा सिंग ने “निर्योग्यता” (Disabilities) के क्षेत्र में रोजगार के कौन कौन अवसर हैं इसकी जानकारी प्रदान की। उन्होंने निर्योग्यता के प्रकार, इन बच्चों को कैसे पहचाना जाए, इनके प्रति हमारा व्यवहार कैसा होना चाहिए सभी प्रकार की जानकारी स्लाइड्स के माध्यम से दी। इस क्षेत्र मे प्रशिक्षण लेने के पहले हममें संवेदनशीलता होनी चाहिए एवं ऐसे निर्योग्य बच्चों के लिए सेवा भाव का जज्बा होना चाहीये। प्रशिक्षण प्राप्त कर लेने के पश्चात इस फील्ड में कार्य करने के लिए (RCI) Rehabilitation Council of India का लाइसेंस होना आवश्यक है। जिसे प्रति पांच वर्ष में नवीनिकृत कराना जरूरी होता है।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ श्रीमती संध्या मदन मोहन ने बहुत ही सुन्दर तरीके से निर्योग्यता को परिभाषित किया और बताया कि ये बच्चे हमसे कही ज्यादा विशिष्ट होते हैं क्योंकि इनमें हमारे पांच senses के अलावा भी “insight” या अंतर्दृष्टि का अतिरिक्त सैंस होती है। उन्होंने उपस्थित सभी ग्रह विज्ञान एवं कला संकाय की एवं बी. एड. की छात्राओं को अपना आशीर्वाद प्रदान किय ।
तृतीय सत्र में “मानसी” बुटीक की विजि़ट छात्राओं ने डॉ सरिता जोशी मैडम स. प्रा. (गृह विज्ञान) के निर्देशन में कराई गई। ये बुटीक हमारी एलुमनी कु. माहेश्वरी के द्वारा संचालित है । कु. माहेश्वरी के द्वारा छात्राओं को बुटीक शुरू करने संबंधित एवं मार्केटिंग संबंधी जानकारी प्रदान की गई । “पाथवे टू सक्सेस एलुमनी कनेक्ट” इस कार्यशाला के प्रत्येक सत्र में प्राचार्या डॉ श्रीमती संध्या मदन मोहन मैडम के द्वारा प्रत्येक सत्र मे उनके प्रेरणायुक्त उद्बोधन से सभी छात्राओं को मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है।
कार्यशाला के संयोजन में गृ. वि. विभागाध्यक्ष श्रीमती ज्योति बाला चौबे , कला संकाय की विभागाध्यक्ष डॉ श्रीमती सरिता जोशी का विशेष योगदान रहा है। विभाग की स. प्रा. डॉ रूपम यादव एवं डॉ राजश्री चंद्राकर का सहयोग है इस कार्यशाला में डॉ भावना चौहान बी. एड. विभाग , नाज़नीन बेग , सत्यम मिश्रा एवं शबीना मैडम बी. एड. ने भी अपनी उपस्थिति द्वाराy कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाया हैं। ये कार्यशाला दिनांक 12फरवरी तक आयोजित की जा रही है।

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