‘नराकास, भिलाई-दुर्ग’ की हीरक जयंती छमाही बैठक का रंगारंग आयोजन
‘नगर राजभाषा कार्यालय समिति, भिलाई-दुर्ग’ की ‘हीरक जयंती’ छमाही बैठक 28 जनवरी 2025 को सिविक सेन्टर स्थित ‘भिलाई निवास’ के ‘बहुउद्देशीय सभागार’ में संपन्न हुई| बैठक में मुख्य अतिथि सहायक निदेशक, (कार्यान्वयन) एवं कार्यालयाध्यक्ष, भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय (मध्य) भोपाल, श्री हरीश सिंह चौहान थे| भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी एवं अध्यक्ष, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, भिलाई-दुर्ग श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने अध्यक्षता की। विशिष्ट अतिथि के रूप में भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) श्री पवन कुमार उपस्थित थे|
सर्वप्रथम अतिथिगण ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया| महाप्रबंधक (संपर्क व प्रशासन एवं जनसंपर्क) भि.इ.सं. श्री अमूल्य प्रियदर्शी ने शॉल, श्रीफल एवं किताब भेंटकर अतिथिगण का स्वागत किया।
मुख्य अतिथि श्री हरीश सिंह चौहान ने नराकास, भिलाई-दुर्ग की सराहना करते हुए कहा कि, नराकास, भिलाई-दुर्ग ने आरंभ से ही लगातार प्रशंसनीय कार्य किये हैं। यही कारण है कि इसे पूर्व में भी राष्ट्रीय स्तर के कीर्ति पुरस्कार एवं मध्य क्षेत्रीय अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्कृष्टता का यह क्रम निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने ‘हीरक जयंती कवि सम्मेलन- 2025’ तथा ‘हीरक जयंती क्विज-2025’ की भरपूर प्रशंसा की और कवियों तथा क्विज़ के विजेताओं को बधाइयाँ देते हुए दोनों ही कार्यक्रमों को हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए अत्यंत लाभकारी व उपयोगी निरूपित किया।
अध्यक्ष, श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने नराकास, भिलाई-दुर्ग परिवार को पुरस्कार प्राप्ति के लिए बधाई देते हुए कहा कि ये पुरस्कार आप सबकी हिंदी के प्रति अनुराग, निष्ठा तथा समर्पण का प्रमाण है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी सदस्य संस्थानों के प्रयासों से ‘नराकास, भिलाई-दुर्ग’ भविष्य में भी नूतन उपलब्धियाँ, स्वर्णिम सफलताएँ एवं पुरस्कार अर्जित करने में अवश्य ही सफल होगा।
विशिष्ट अतिथि श्री पवन कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि, नराकास ने हीरक जयंती बैठक के रूप में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर पार कर लिया है। आज यह संकल्प लेने का अवसर है कि, हम सब अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में उत्कृष्टता एवं श्रेष्ठता सहित राजभाषा हिंदी में कार्यालयीन कामकाज के प्रति और भी अधिक समर्पित हों।
स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए महाप्रबंधक (संपर्क व प्रशासन, जनसंपर्क एवं प्रभारी राजभाषा) भि.इ.सं. तथा सचिव नराकास, भिलाई-दुर्ग श्री सौमिक डे ने कहा कि नराकास, भिलाई-दुर्ग को प्राप्त वर्ष 2023-24 के लिए मध्य क्षेत्र का पुरस्कार ‘नराकास राजभाषा, सम्मान’ प्रथम स्थान समस्त सदस्य संस्थानों के हिंदी में कार्यालयीन कार्यों तथा सांविधिक प्रावधानों के अनुपालन का ही पारितोषिक है, जिसमें श्री हरीश सिंह चौहान, सहायक निदेशक, (कार्यान्वयन) एवं कार्यालयाध्यक्ष, भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय (मध्य) भोपाल के बहुमूल्य निदेशों एवं मार्गदर्शन का महत्वपूर्ण योगदान है।
बैठक की कार्यवाही में सर्वप्रथम विगत बैठक का अनुपालन प्रतिवेदन एवं आगत तिमाही के लिए कार्यसूची का वाचन किया गया, जिसके अनुमोदन के साथ बैठक संपन्न हुई।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के मंत्रालय राजभाषा विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक प्रत्येक छः माह में आयोजित की जाती है। 26 नवंबर 1986 को नराकास, भिलाई-दुर्ग का गठन होने के उपरांत आयोजन क्रम में यह 60वीं अर्थात हीरक जयंती बैठक थी अतः इसे विशेष रूप से रंगारंग स्वरूप देकर आयोजित किया गया। आयोजन का विशेष आकर्षण था ‘हीरक जयंती कवि सम्मेलन- 2025’, जिसमें नराकास में कार्यरत कार्मिकों एवं उनके परिवारजनों ने अपनी स्वरचित मौलिक कविताओं का पाठ किया। आमंत्रित कवियों में अपने मौलिक रचनाओं से उपस्थित जनों की भरपूर तालियाँ बटोरीं। आमंत्रित कविगण थे श्री सुधीर हरणे, सुश्री अमृता गंगराडे, सुश्री मनोरमा कुमारी, श्री नितिन गोस्वामी, सुश्री कामिनी मिश्रा, सुश्री शाइस्ता सिद्दीकी, श्री मनीष कुमार शुक्ला, श्री विक्रांत सिंह, श्री अनिल कुमार अग्रवाल, सुश्री रश्मि अमितेष पुरोहित, श्री केदारनाथ सोनबेर, डॉ. शीतल चंद्र शर्मा, श्री ओमवीर करन, श्री भागवत राम निषाद एवं सुश्री मीना मुण्डा।
कवि सम्मेलन के उपरांत नराकास स्तरीय ‘हीरक जयंती क्विज-2025’ का आयोजन किया गया जिसमें नराकास के सदस्य संस्थानों के सौ से अधिक कार्मिकों ने भाग लिया।
ऑडियो-विजुअल माध्यम से आयोजित क्विज़ के क्विज़ मास्टर वरीय लेखा परीक्षा अधिकारी श्री सुधीर हरणे थे। कवि सम्मेलन के पूर्व क्विज का प्रथम चरण, स्क्रीनिंग़ राउंड जो लिखित स्वरूप में था, आयोजित किया गया था। प्रथम चरण के उपरांत क्विज के मेगा फाइनल में पहुँची चार टीमों को हिंदी साहित्यकारों के नाम पर नीरज, दिनकर, साहिर तथा गुलज़ार नाम दिए गए थे। क्विज के मेगा फाइनल के विजेता इस प्रकार रहे- प्रथम श्री हरप्रीत सिंह, महाप्रबंधक (परियोजनाएँ) एवं श्री सूरज प्रताप, जूनियर इंजीनियरिंग एसोसिएट, द्वितीय श्री उमेश कुमार साहू, सहायक महाप्रबंधक (परियोजनाएँ) एवं श्री रंजन गोस्वामी, जूनियर इंजीनियरिंग एसोसिएट, तृतीय सुश्री उर्वशी, प्रबंधक (पावर एण्ड ब्लोइंग स्टेशन) एवं सुश्री प्रीति कुमारी, जूनियर इंजीनियरिंग एसोसिएट, सांत्वना श्री अजय कुमार पाण्डेय, उप डाकपाल एवं श्री जी. युवा किरण, डाक सेवक, भारतीय डाक विभाग। क्विज के विजेताओं और कवियों को अतिथिगण द्वारा पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन उप प्रबंधक (संपर्क एवं प्रशासन – राजभाषा) श्री जितेन्द्र दास मानिकपुरी ने किया तथा आभार प्रदर्शन सुश्री अनुराधा धनांक, उप मण्डल अभियंता, भारत संचार निगम लिमिटेड, मण्डल कार्यालय, दुर्ग ने किया।