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सर्दियों में बढ़ने लगी दिल की धड़कन, सुबह के समय बढ़ा हार्ट अटैक का खतरा, रहें सचेत

सर्दियों के मौसम में हार्ट संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। अधिकांश हार्ट अटैक सुबह के समय आ रहा है, ऐसा इसलिए हाेता है क्योंकि ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए हार्ट को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। यह उन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है, जिन्हें पहले से कोई हार्ट डिजीज या हार्ट से जुड़ी हेल्थ कंडीशन है।

पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस जर्नल में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, जिन्हें पहले से कोई हार्ट डिजीज है, उनमें ठंड में हार्ट अटैक का खतरा 31% तक बढ़ जाता है। इसलिए ठंड के महीनों में हार्ट को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। दुनिया भर में हार्ट डिजीज से हर साल होती है 2 करोड़ मौतें, वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के मुताबिक, पूरी दुनिया में हार्ट से जुड़ी समस्याओं के कारण हर साल तकरीबन 2 करोड़ से अधिक लोगों की मौत होती है। इसका मतलब है कि हर 1.5 सेकेंड पर एक व्यक्ति हार्ट से जुड़ी बीमारियों के कारण मर रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हार्ट से जुड़ी समस्याएं दुनिया भर में मौत का सबसे बड़ा कारण हैं। वर्ष 2019 में इससे करीब 1.79 करोड़ लोगों की मौत हुई। इनमें से 85% मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक के कारण हुई थीं।
जर्नल ऑफ अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में पब्लिश स्टडी के मुताबिक, वर्ष 2016 में भारत में हार्ट डिजीज से पीड़ित लोगों की संख्या 5.4 करोड़ थी। ये आंकड़ा साल दर साल बढ़ रहा है।
ठंड में क्यों बढ़ती हैं हार्ट से जुड़ी परेशानियां जाने विशेषज्ञ से –
आरोग्यम हॉस्पिटल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ आकाश बक्शी ने बताया कि सर्दियों में हार्ट को पूरे शरीर में ऑक्सीजन पंप करने के लिए दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है। ठंड के कारण धमनियां (Arteries) सिकुड़ जाती हैं। इससे ब्लड फ्लो धीमा होता है और हार्ट की मसल्स को कम ऑक्सीजन मिल पाती है। ऐसे में स्ट्रोक या हार्ट अटैक की संभावना अधिक होती है।

इसके अलावा जैसे-जैसे तापमान गिरता है, बॉडी में ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने लगता है। इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
सर्दियों में हो सकती हैं हार्ट संबंधी ये समस्याएं

डॉ आकाश बक्शी कहते हैं, ठंड में कई तरह की हार्ट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इनमें हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर और कार्डियक अरेस्ट शामिल हैं।
ठंडे मौसम में दौड़ने या तेज चलने से थकान हो सकती है। इससे हार्ट की ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ जाती है। ऐसे में पर्याप्त ऑक्सीजन न मिल पाने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। हार्ट डिजीज से पीड़ित लोगों को ठंड में आउटडोर एक्टिविटीज से बचना चाहिए।
सर्दियों में सीजनल फ्लू के चांस बढ़ जाते हैं। अगर किसी का हार्ट पहले से कमजोर है तो एक साधारण फ्लू या सीजनल बुखार भी उसके दिल पर काम का बोझ बढ़ा सकता है। बॉडी ज्यादा ऑक्सीजन डिमांड करेगी और हार्ट को ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।
ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए ऊनी कपड़े पहनना जरूरी है। लेकिन जब वर्कआउट कर रहे हों तो उस वक्त ज्यादा मोटे गर्म कपड़े न पहनें। इस दौरान शरीर से गर्मी निकलती है।
सर्दियों में हार्ट का ऐसे रखें ख्याल

जैसाकि हमने कई स्टडी, रिसर्च और उदाहरणों से हमने जाना कि सर्दियों का मौसम हार्ट के लिए खतरनाक हो सकता है। लेकिन सवाल ये है कि इस खतरे से खुद को बचाएं कैसे।

बचाव के उपाय:
1. गर्म कपड़े पहनें: ठंड से बचने के लिए शरीर को ढककर रखें।
2. स्वस्थ आहार लें: सर्दियों में त्योहारी एवं वैवाहिक सीजन में ज्यादा तेल मसाले एवं मांसाहार से बचे तथा संतुलित आहार, जैसे ताजे फल, सब्जियां और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाएं। तले-भुने और ज्यादा नमक वाले खाद्य पदार्थ से बचें।
3. नियमित व्यायाम करें: हल्का व्यायाम जैसे योग, वॉकिंग या स्ट्रेचिंग करें। अत्यधिक व्यायाम से बचे।
4. धूम्रपान और शराब से बचें: ये हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाते हैं।
5. बिना डॉक्टर की सलाह दवा न लें: ठंड में बुखार या सर्दी-जुकाम के लिए कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। एवं इन्फ्लूएंजा तथा निमोनिया का टीका अवश्य लगवाएं।
6. ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच: नियमित रूप से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं।
7. तनाव कम करें: ध्यान और मेडिटेशन से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं।
8. गर्म पेय पिएं: ग्रीन टी, अदरक की चाय, या गर्म पानी का सेवन करें।

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