भिलाई इस्पात संयंत्र ने चालू वित्तीय वर्ष में भारतीय रेलवे को हीट-ट्रीटेड रेल की सातवीं रेक भेजी
भिलाई । वर्तमान वित्त वर्ष में सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने भारतीय रेलवे को 21 सितंबर 2024 को वांछित लंबाई में लगभग 1000 टन R350 HT (हीट-ट्रीटेड) रेल के साथ सातवीं रेक भेजी। जिसमें R350 HT रेल के वर्तमान उत्पादन अभियान के तहत, संयंत्र के यूनिवर्सल रेल मिल (यूआरएम) में उत्पादित रेल के चार रेक शामिल है। अप्रैल 2024 के महीने में भी तीन रेक R350 HT रेल भेजी गई थीं। मौजूदा अभियान में पहली बार 130 मीटर लम्बाई में प्राइम आर350 एचटी रेल को रोल किया गया है, जिससे 260 मीटर पैनल में एक ही जोड़ होगा। उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे के लिए, सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के यूआरएम में दुनिया की सबसे लंबी 130 मीटर रेल को सिंगल पीस में रोल आउट किया जाता है।
खुद को आधुनिक बना रही और हायर एक्सल लोड के साथ-साथ तेज रेल परिवहन की ओर बढ़ रही भारतीय रेलवे, सेल से माइक्रो-अलॉयड रेल और हीट-ट्रीटेड रेल दोनों की मांग करती रही है। माइक्रो-अलॉयड आर260 ग्रेड रेल के नियमित उत्पादन के साथ-साथ प्लांट की यूनिवर्सल रेल मिल ने, भारतीय रेलवे की मांग के अनुसार हीट-ट्रीटेड रेल की रोलिंग के चुनौतीपूर्ण कार्य की जिम्मेदारी भी ली थी।
ये विशेष ग्रेड हीट-ट्रीटेड पटरियां, रेल परिवहन के उन हिस्सों के लिए सबसे उपयुक्त हैं जहां एक्सल लोड अधिक होता है और ट्रेन द्रुत गति पकडती है और तेजी से रूकती है, जिससे पहियों और रेल के बीच घर्षण अधिक होता है।
सफल और कठोर परीक्षणों तथा भारतीय रेलवे के अनुसंधान विंग, आरडीएसओ से मंजूरी के बाद, अक्टूबर 2023 में यूनिवर्सल रेल मिल में आर350 एचटी रेल का व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो गया। 260 मीटर लंबी आर350 एचटी रेल की 1000 टन की पहली खेप 31 अक्टूबर 2023 को भारतीय रेलवे को भेजी गई थी। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने प्रक्रिया और उपकरण दोनों से संबंधित कई चुनौतियों को पार करते हुए, चालू वित्त वर्ष में उत्पादन क्षमता, रोलिंग मापदंडों और आर350 एचटी प्राइम रेल की स्वीकृति में उत्तरोत्तर सुधार किया है।